हिंदुस्तान में रह रहे अफगानी नागरिक बहुत ही विचित्र स्थिति से इस वक्त गुजर रहे हैं। कुछ के वीजा एक्सपायर होने वाले हैं और कुछ अफगानिस्तान में अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। हम सब जानते हैं कि अफगानिस्तान का भविष्य सुरक्षित नहीं है जब से काबुल पर तालिबान ने कब्जा किया है।

जेएनयू में पढ़ने वाले छात्र जो कि अफगानी नागरिक है उनके वीजा एक्सपायर होने वाले हैं। अगर उनके वीजा की अवधि बढ़ जाए तो यह कुछ राहत की बात होगी। लेकिन पासपोर्ट अगर लैप्स हो जाए तब परेशानी बढ़ सकती है।

जेएनयू के छात्रों का वीजा खत्म हो रहा है तकरीबन 22 जेएनयू के अफगानी छात्रों का वीजा आने वाले कुछ महीने में एक्सपायर हो जाएगा। सूत्रों की माने तो यह अफगानी छात्र वापस अफगानिस्तान भी नहीं जा सकते क्योंकि तालिबान ने काबुल पर दहशत मचा रखी है।

इसलिए वह चाहते हैं कि पीएचडी जैसे कोर्स के जरिए उनका वीजा बढ़ा दिया जाए। जेएनयू के एक छात्र ने कहा ‘अफगानिस्तान जैसे युद्धग्रस्त देश में ज्यादातर लोग पूरी तरह से बेरोजगार हैं और मौत या पकड़े जाने से भागने की कोशिश कर रहे हैं’।

जेएनयू के छात्र ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि अब वह क्या करेंगे टर्मिनल स्टूडेंट के सामने या परेशानी आ गई कि उन्हें 23 सितंबर तक हॉस्टल खाली करना है और पैसों की दिक्कत की वजह से वह कैंपस के बाहर रह भी नहीं सकते। जलालुद्दीन नाम के एक जेएनयू छात्र ने कहा
‘वहां के हालात बहुत ही खराब हैं।

मुझे उम्मीद है कि प्रशासन हमारी हालत को समझेगा और मेरा वीजा परमिट बढ़ा देगा। यही नहीं विदेश छात्रों के लिए जेएनयू से पीएचडी करना भी बहुत महंगा है और गरीब परिवार वालों के लिए निश्चित ही कोई रास्ता नहीं है। वैसे मुझे इस समय सही नहीं पता कि क्या करना है’।

वीजा खत्म होने पर ना तो कोई छात्र काम कर सकता है और ना ही पढ़ाई, जब तक नया परमिट ना मिल जाए और यह भी इस बात पर निर्भर करता है कि पासपोर्ट एक्सपायरी ना हो। क्योंकि पासपोर्ट के एक्सपायर होने पर स्टडी परमिट बढ़ाई नहीं जा सकती।

“अगर मैं वहां वापस किया तो वह लोग मुझे भी पकड़ लेंगे” शाफिक सुल्तान जो इंटरनेशनल रिलेशन एंड एरिया स्टडीज के स्टूडेंट है एनी से कहा: ’31 दिसंबर को मेरा वीजा खत्म हो जाएगा। जब मैं यहां पढ़ने आया उससे पहले मैं सरकारी कर्मचारी था।

मुझे निश्चित रूप से लगता है कि अगर मैं वापस लौटूंगा तो वे मुझे पकड़ लेंगे। मेरा परिवार उस इलाके में रहता है, जिसपर तालिबान ने कब्जा कर लिया है, मैं डेढ़ हफ्तों से उनसे संपर्क नहीं कर पाया हूं। टेंशन बढ़ता जा रहा है, हमें निश्चित रूप से मदद चाहिए।’

14 अगस्त को जेएनयू ने कहा कि स्टूडेंट्स केंपस वापस आने की गुजारिश कर रहे हैं। जो कि कोविड-19 की वजह से बंद है। लेकिन इस पर विचार किया जा रहा है।

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