टोक्यो ओलंपिक 2021 खेल का महाकुंभ शुरू होने वाला है. खेल की दुनिया के सबसे बड़े आयोजन में हरियाणा के जींद जिले की पहलवान अंशु मलिक से काफी उम्मीदें हैं. देशवासी अंशु मलिक की से गोल्ड मेडल लाने की उम्मीद कर रहे हैं. अंशु भी लगातार देशवासियों का सपना पूरा करने की कोशिश में लगी हैं. ज्ञात हो कि अंशु मलिक कुश्ती लड़ती हैं. चीते सी चपल फुर्ती, बाज सी तेज नजर, मजबूत पकड़ और सामने वाले के लिए खौफ का दूसरा नाम अंशु मलिक हैं. वह अपने सामने वाले पहलवान की हर चाल का नाकाम कर देती हैं.

देश के नंबर वन पहलवान भी बन चुकी हैं अंशु मलिक
हरियाणा के जींद जिले के छोटे से गांव निडानी से दंगल की शुरुआत करने वाली अंशु मलिक अब टोक्यो ओलंपिक के लिए तैयारी कर रही हैं. वह कुश्ती की तैयारी पोलैंड में कर रही हैं। अंशु मलिक 57 किलो भार वर्ग में विशेष दक्षता के साथ प्रदर्शन करती हैं. अंशु मलिक ने 2 साल पहले जूनियर वर्ग में होते हुए भी सीनियर नेशनल खेला और गोल्ड मेडल प्राप्त किया .अंशु मलिक 57 किलो भार वर्ग में देश के नंबर वन पहलवान भी बन चुकी हैं.
अंशु को दादी से मिली है प्रेरणा
अंशु मलिक की मां मंजू मलिक का कहना है कि वह अपनी दादी से प्रेरणा लेती है. अंशु को उनकी दादी ने कुश्ती के लिए प्रेरित किया है. दादी से प्रेरणा मिलने के बाद अंशु ने 2013 से खेल शुरू कर दिया था. अंशु के जज्बे ने उन्हें लगातार मेडल दिलाया है .अंशु की मां ने कहा कि परिवार के सभी लोग अंशु का बेटे की तरह ही ध्यान रखते हैं और खूब प्यार करते हैं. खेल की गतिविधियों के बारे में मंजू मलिक ने बताया कि जब अंशु गांव में रहती है तो वो 4 घंटे सुबह और शाम को 4 घंटे कठिन अभ्यास करती है. इस बार अंषु को पूरी उम्मीद है कि वह मेडल लेकर आएगी और देश का नाम रोशन करेगी.

एशियन चैम्पियनशिप में गोल्ड और विश्व कप में सिल्वर जीतने वाली अंशु मलिक को पहलवानी विरासत में मिली है. अंशु के ताऊ नेशनल लेवल के पहलवान थे और पिता भी पहलवान ही हैं. उन्होंने ही अंशु मलिक को शुरुआती दांव-पेच सिखाए थे. अंशु मलिक के पिता धर्मेंद्र मलिक का कहना है कि उनकी बेटी ग्राउंड पोजिशन में थोड़ी कमजोर है. इस कमजोरी को लेकर अंशु ने काफी मेहनत भी की है.
पेंडिंग में उनकी बेटी काफी मजबूत है. अंशु ने पहलवानी की शुरुआत 2016 में सीबीएसएम स्पोर्ट्स कॉलेज से की थी. ज्ञात हो कि टोक्यो में 23 जुलाई से 8 अगस्त तक ओलंपिक खेलों का आयोजन किया जाएगा अंशु मलिक जब अखाड़े में उतरेंगी तो पूरे देश को उनसे गोल्ड मेडल की चाहत होगी. अंशु की कामयाबी के लिए देषवासियों के दुआ की जरूरत है.