आजकल के लोग गांव के पीपल की छाव छोड़ एयर- कंडीशन रूम में बैठना पसंद करते है। लोग गांव की हरियाली छोड़ शहर के चहक-महक की गलियों में घूमना पसंद करते है। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग है जो शहर की लाखों की आर्टिफिशियल ब्यूटी छोड़ गांव की प्रकृति का आनंद लेना पसंद करते है। आज हम एक ऐसे ही इंसान की बात करेंगे, जिन्होंने शहर की भाग-दौड़ की जिन्दगी छोड़ गांव में शांति से अपना जीवन व्यतीत कर रहे है।

इको-फ्रेंडली घर में रहते हैं,सुब्रमणियन
रामचंद्रन सुब्रमणियन जो भारत के तमिलनाडु राज्य के पोल्लाची के एक गाँव के रहते है। इनको प्रकृति से बेहद लगाव है। इन्होंने अपने घर के गार्डन में करीबन 800 पेड़-पौधे लगवाए है। रामचंद्रन सुब्रमणियन एक इको-फ्रेंडली घर में रहते हैं। उस घर मे बिजली और पानी का बिल एकदम जीरो आता है। प्रकृति से लगाव होने के कारण इन्होंने शहर की ऐसो-आराम की जिन्दगी छोड शहर से 25 किमी दूरी पर एक गांव में अपना घर बनवाया। उस घर को इन्होंने पेड़-पौधों से सजाया और आज प्रकृति के गोद मे आनन्द भरी जिंदगी जी रहे हैं।
प्रकृति के अनुकूल रहता है घर का तापमान
रामचंद्रन सुब्रमणियन ने अपना घर बनाने के लिए घर की जमीन से ही निकली मिट्टी से सीएसईबी’ ब्लॉक्स का इस्तेमाल किया है। मिट्टी की जाँच के लिए उन्होंने सबसे पहले नमूने को लैब में भेजा। लैब में परीक्षण के बाद उनको पता चला कि इस मिट्टी का इस्तेमाल हम नौ प्रतिशत सीमेंट मिलाकर, इसे ब्लॉक्स बनाने में भी कर सकते है। इस मिट्टी से उन्होंने घर बनाने के लिए लगभग 23 हजार सीएसईबी ब्लॉक का निर्माण करवाया।
उन्होंने बताया कि, ‘रीसाइकल्ड’ मटेरियल का इस्तेमाल उन्होंने अपने घर मे किया है। उनके घर के फर्श में ‘हैंडमेड टाइल’ का इस्तेमाल किया गया है और इसको सेट करने के लिए चुने का उपयोग किया है तथा उन्होंने टाइल के जगह पत्थरों से बने छोटे-छोटे टुकड़ों को बाथरूम और टॉयलेट में थोड़ी-बहुत डिजाइनिंग के लिए इस्तेमाल किया है। घर को बनाते समय उन्होंने खास इस बात का ध्यान रखा है कि घर में प्राकृतिक रौशनी ज्यादा से ज्यादा आये तथा घर प्राकृतिक रूप से वातानुकूलित रहे।

घर को वातानुकूलित रखने के लिए पेड़ पौधे लगाए
प्रकृति से लगाव होने के कारण उन्होंने अपने घर के आस-पास छायादार वृक्ष लगवाए I जब उन्होंने घर बनाना शुरू किया उसी समय से वो पेड़-पौधे भी लगाना शुरू कर दिए थे। इनके घर के आसपास ज्यादातर इन्होंने छांवदार और फलदार पेड़-पौधे लगाए हैं। उन्होंने बताया कि, लगभग 500 पौधे इन्होंने लगाया है और बाकी 300 खुद से उपजे है। अगर कोई भी पौधा खुद से उपजता है तो इन्होंने उसे आज तक नही काटा, क्योंकि इनको हमेशा से प्रकृति से ज्यादा लगाव है।
आम, अनार, नींबू, अमरुद, स्टार फ्रूट, सीताफल, अंगूर,वाटर एप्पल ,आंवला, अंजीर, मोरिंगा, कटहल और जामुन जैसे अनेको प्रकार के पेड़-पौधे आपको उनके गार्डन में देखने को मिलेंगे। उन्होंने सब्जियों में, लौकी, बैंगन, मिर्च, पेठा, टमाटर आदि भी लगाया है। वह पूरी कोशिश करते है कि उनको हमेशा ताजा और प्राकृतिक तथा शुद्ध भोजन खाने को मिले।
उन्होंने एक बात-चीत में बताया कि, ” मुझे प्रकृति से बहुत लगाव है। मैं हमेशा प्रकृति के गोद मे रहना पसंद करता हूँ। हालांकि यह केवल मेरे जीने का तरीका है। मैंने आज तक किसी को नही कहा कि, लोग मुझे फॉलो करें क्योंकि सबके जीने का अलग-अलग तरीके है। साथ ही मैं प्रकृति के लिए कुछ अच्छा करने की कोशिश भी करता रहता हूं।