भारत एक ऐसा देश जहां के युवाओं में टैलेंट की कमी नहीं है। साथ में व्यक्ति जो सोच सकता है उससे कमाई भी कर सकता है कारण है कि हमारे देश में ज्यादा जनसंख्या होने के कारण यहाँ हर वस्तु एवं हर तरह के सर्विस को खरीदने वाले मिल जाएंगे।

शिक्षित बेरोजगार युवाओं मे से एक थे विपिन

विपिन यादव हरियाणा के गुड़गांव जिले के सैदपुर फर्रुखनगर के रहने वाले हैं। विपिन यादव ने कंप्यूटर साइंस से ग्रेजुएट किया हैं। अगर इन्सान को अपनी निपुणता के अनुसार किसी काम का मूल्य न मिलें तो इन्सान वह काम नहीं करना चाहता है। विपिन यादव भी अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश कर रहें थे लेकिन उनको भी अपने योग्यता का सही मूल्य नहीं मिलता था।

आजकल युवा तेज़ी से खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं। कुछ नया करने की चाहत और खेती से प्यार इन्हें इस ओर खींच लाता है। डॉक्टर, इंजीनियर, मैनेजर जैसी नौकरियां छोड़कर युवा इस ओर बढ़ रहे हैं।
कृषि क्षेत्र में उज्ज्वल भविष्य देख विपिन ने फूलों की खेती करने के लिये अपने एक मित्र से सहायता ली। कृषि करने के लिये विपिन ने गुडगाँव के जमीन का चयन किया।

अपने दोस्त से मदद लेकर विपिन यादव ने अपना ध्यान खेती की तरफ रुख किया। विपिन ने अपने छत को ही खेत मे तब्दील कर दिया। विपिन यादव अपने छत पर फूलों की खेती करने लगे। इसकी खासियत यह है कि इसमें उन्होंने एक कण मिट्टी का इस्तेमाल तक नहीं किया।

कैसे कि अपने बिजनेस की शुरुआत

गुड़गांव में रहने वाले विपिन इस बारे में बात करते करते हुए बताते हैं कि एक दिन मुझे पता चला कि मेरे इलाके के पास वाले कृषि विज्ञान केंद्र में हाइड्रोपोनिक्स के जरिए खेती करने की ट्रेनिंग दी जा रही है। वहां से पालीहॉउस कंस्ट्रक्शन में 1 महीने का प्रशिक्षण लिया। इस प्रशिक्षण के बाद उनको एग्रीकल्चर स्किल काउंसिल ऑफ़ इंडिया से भी प्रमाणपत्र मिला।

विपिन बताते हैं कि इसके बाद अपना खुद का व्यवसाय करने के लिए उन्होंने अपने इकट्ठे किए हुए पैसों का इस्तेमाल किया। वह बताते हैं कि मैंने शुरुआत में 100 स्क्वॉयर फीट की जगह पर ग्रीन हाउस लगाया और इसमें खेती शुरू की। इस ग्रीन हाउस पर लगभग 1 लाख रुपये का खर्च आया।  विपिन ने यह छोटा ग्रीनहाउस अपने घर में ही स्थापित किया और फूलों के साथ सब्जियों और औषधीय पौधों को उगाना शुरू किया।

छत पर बना दिया पोली हाउस

विपिन यादव अपने छत पर खेती करने के लिए पोली हाउस तकनीक का बखुबी इस्तेमाल करते हैं। दोस्तों यह खेती करने की एक सफल तकनीक है जिसके सहायता से व्यक्ति किसी भी मौसम कम जगह पर ज्यादा पैदावार करने में सक्षम रहता है। दोस्तों इस तकनीक में सूरज की रोशनी को नियंत्रण करने के लिए एक पॉलिथीन से ढांचा बनाया जाता है।

दोस्तों पोली हाउस तकनीक की वजह से आज विपिन यादव अपने छत पर शुरू की गई नर्सरी में से काफी कमाई कर लेते हैं। यहाँ तक कि वे अपने घर का किराया देने के बावजूद जेब में 25 से 30 हजार रुपए के आस पास बचत भी कर लेते हैं। अब विपिन यादव जल्द ही अपना नया प्रोजेक्ट लाने की योजना कर रहे हैं जिसमें वे अपना नर्सरी खोलेंगे।

विपिन यादव है कई युवाओं के लिए प्रेरणा

दोस्तों जैसे कि आप सब जानते होंगे कि भारत में बेरोजगारी का स्तर बेहद बढ़ गया है। जो व्यक्ति अच्छा खासा पढ़ा लिखा है उन्हें भी नौकरी नहीं मिल रही है इसी लिस्ट में गुड़गांव के विपिन यादव का नाम भी आता है। विपिन यादव कंप्यूटर साइंस के छात्र रह चुके हैं लेकिन अपनी योग्यता के मुताबिक जॉब न मिलने पर वे बाकियों की तरह सरकार को कोसने की जगह अपना नया मार्ग बनाने में व्यस्त रहें।

जिस प्रकार विपिन यादव के इतना पढ़ने के बावजूद जब उन्हें नौकरी नहीं मिली तो वे चाहे तो सभी की तरह निराश हो सकते थे लेकिन उन्होंने कुछ नया सीखा और उसे अपनाकर आज अपनी ख़ुशी से जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

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