धर्म ग्रंथों के अनुसार भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तिथि आज यानी 10 सितंबर, शुक्रवार पर भगवान श्रीगणेश का जन्म हुआ था. इसीलिए इस चतुर्थी को विनायक चतुर्थी, और श्रीगणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो स्नान, उपवास और दान किया जाता है, उसका फल भगवान श्रीगणेश की कृपा से सौ गुना हो जाता है व्रत करने से मनोवांछित फल मिलता है. इस दिन श्रीगणेश भगवान की पूजा व व्रत इस प्रकार करें…

 देशभर में गणेश चतुर्थी के पर्व को बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है. जगह जगह पर गणेश जी की बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं स्थापित होती है. और 10 दिन तक महा आरती होती है. हम किसी भी कार्य श्री गणेश के नाम से ही शुरुआत करते हैं. इसलिए कोई भी नया कार्य शुरू करने के लिए यह सबसे अच्छा समय है. हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी बप्पा के जन्मदिन के रूप में 10 दिनों तक मनाई जाती है.इन 10 दिनों तक बप्पा की पूजा सच्चे मन से करने से जीवन की सभी विघ्न-बाधाएं दूर हो जाती हैं.

इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार 10 सिंतबर शुक्रवार

से शुरू हो रहा है. 10 दिनों तक चलते वाले इस त्योहार में भगवान गणेश की खास पूजा-अर्चना की जाती है. ऐसे में गणेश चतुर्थी के इस खास मौके पर आप अपने करीबियों, दोस्तों को इन मैसेज और तस्वीरों के जरिए शुभकामनाएं दे सकते हैं.

गणेश चतुर्थी पर ये रहेंगे शुभ संयोग

ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि गणेशजी महाराज का जन्म वृश्चिक लग्न सहित मध्यान्ह काल में हुआ है, इस बार गणेश चतुर्थी पर मध्यान्ह काल में वृश्चिक लग्न रहेगा. चित्रा नक्षत्र और ब्रह्म योग के अलावा रवि योग भी रहेगा. उनके द्वारा बताए गए श्रेष्ठ चौघड़िया वह पूजन विधि
इस प्रकार है.

चौघड़िए — समय
चर — सुबह 6.34 से 7.46 बजे तक
लाभ व अमृत — सुबह 7.46 से 10.51 तक
शुभ — दोपहर 12.24 से 1.56 बजे तक
चर — शाम 5.02 से 6.34 बजे त

पूजा व स्थापना विधि

गणेश चतुर्थी के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद अपनी इच्छा के अनुसार सोने, चांदी, तांबे, पीतल या मिट्टी से बनी भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित करें . इसके बाद गणेश की प्रतिमा का श्रृंगार करें.

उसके बाद शुभ मुहूर्त के अनुसार पूजन करें पूजन करने के बाद मंत्र उच्चारण करें. इसके बाद सभी मिलकर आरती करें. 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्डू मूर्ति के पास रखें और 5 ब्राह्मण को दान कर दें.

भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी पर शुक्रवार को गणेश जन्मोत्सव मनाया जाएगा. इसबार मध्यान्ह काल में वृश्चिक लग्न में घर घर गणेश पूजन होगा. मुख्य द्वार के ऊपर प्रतिष्ठित गणेशजी महाराज का अभिषेक कर सिंदूरी चोला धारण कराकर गुड़धानी का भोग लगाया जाएगा.

गणेश जन्मोत्सव से पहले गुरूवार को सिंजारा महोत्सव मनाया जाएगा, गणेशजी महाराज को सिंजारे की मेहंदी अर्पित की जाएगी। वहीं गणेश चतुर्थी को लेकर शहर में तैयारियां शुरू हो चुकी है। मोती डूंगरी गणेशजी सहित अन्य मंदिरों में जन्मोत्सव के कार्यक्रम शुरू हो गए है.

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