किन कारणों से बच्चा फोन का शौकीन हो रहा है

आजकल आप सब जानते हैं कि बच्चे का पहला खिलौना मोबाइल बन गया है।छोटे बच्चों के हाथ में फोन एक बार दे दो तो वे छोड़ने के नाम नहीं लेते। अगर आप जबरदस्ती उनसे छीनेंगे तो रो रो कर वे पूरा घर भर देंगे।


लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि बच्चों को कितना नुकसान पहुंचता है। और किन कारणों से बच्चों को आजकल फोन की लत लग रही है। आज हम उन कारणों को आपके सामने रखते हैं। साथ में इसके दुष्प्रभाव भी आपको बताएंगे।

1.आजकल जब बच्चा रोता है, तो माता-पिता उसे चुप कराने के लिए फोन पकड़ा देते हैं। और बच्चा उसे देख कर बड़ा खुश हो जाता है और रोना चुप हो जाता है। धीरे-धीरे यह आदत बच्चे की लत बन जाती है।

2. आजकल माता-पिता को लगता है, कि फोन चलाने से बच्चों के दिमाग का विकास होगा। बाकी बच्चों से होशियार होगा।

3. बहुत बार माता पिता बच्चे से पीछा छुड़ाने के लिए भी उसे फोन पकड़ा देते हैं। जब पैरेंट्स के पास बहुत काम होता है तब वे बच्चे को फोन पकड़ा देते हैं। और बच्चा फोन में मस्त हो जाता है।

4. कई बार बच्चा किसी बात की जिद पकड़ लेता है। या खाना नहीं खाता या कोई और काम नहीं करता, तब भी माता पिता बच्चे को फोन से बहलाते हैं। उसे फोन खेलने के लिए दे देते हैं। ऐसे में बच्चे को फोन की आदत पड़ जाती है।

5. कई बार माता-पिता बच्चे को पढ़ाई लिखाई के सिलसिले में भी फोन चलाने देते हैं। वे उसमें बच्चों की कहानियां, एजुकेशनल कार्टून दिखाते हैं, ताकि बच्चे की भाषा का विकास हो। इस तरह से भी बच्चे को फोन देखने की आदत पड़ जाती है।

हमने आपको बताया किन कारणों से बच्चा फोन का शौकीन हो रहा है। अब हम आपको बताते हैं, मोबाइल बच्चे के लिए किस तरह नुकसानदायक हो सकता है।

1. मोबाइल से निकलने वाली विकिरण सीधे बच्चे के मस्तिष्क पर प्रभावित करती है, इससे बच्चे को ट्यूमर होने की संभावना बन जाती है।

2. मोबाइल फोन मुख्य रूप से विद्युत चुम्बकीय तरंगों पर कार्य करते हैं। मस्तिष्क का अपना इलेक्ट्रिक आवेग होता है और संचार तंत्रिका नेटवर्क में होता है। बच्चों में, फोन से तरंगें मस्तिष्क के आंतरिक भागों में आसानी से प्रवेश कर सकती हैं, क्योंकि उनके पास एक मजबूत ढाल नहीं होती है, इससे बच्चों के व्यवहार में परिवर्तन देखने को मिल सकता है

                                             

3. आजकल बच्चे अपने साथ अपने स्कूलों में भी फोन ले जाते हैं। स्कूल ब्रेक के टाइम या क्लास में भी दोस्तों के साथ चैटिंग या गेम खेलना दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। यह बच्चों को क्लास में ध्यान देने में मुश्किल, जरूरी पाठों को याद करने में मुश्किल का कारण बनता है और परिणामस्वरूप बच्चे पढ़ाई और एक्साम्स के बारे में सही जानकार नहीं हो पाते हैं।

4. स्मार्टफोन न केवल बच्चों को पढ़ाई से विचलित करते हैं, बल्कि गलत तरीकों में भी काम हम आ रहे हैं जैसे मोबाइल केलकुलेटर का प्रयोग करना, मोबाइल में चीटिंग का डाटा छुपाना। इस तरह का व्यवहार न केवल शिक्षा को प्रभावित करता है, बल्कि यह व्यक्तित्व पर भी असर डालता है।

5. आजकल बच्चे सोशल मीडिया या यूट्यूब से गलत वीडियो देखकर, गलत वीडियो की आदतों का शिकार हो रहे हैं, जिससे उनकी धारणाएं और विचार प्रक्रिया बदल सकती हैं। यहाँ तक कि अपनी खुद की तस्वीरों को भेजना और स्वीकार करना,गैर-जिम्मेदाराना रूप से, एक ऐसा माहौल बना सकता है जो लंबे समय तक उनके जीवन को प्रभावित करता है।

6. आजकल छोटे बच्चे मनोरंजन के लिए तेज आवाज में सॉन्ग सुनना पसंद करते हैं, जिससे उनके स्वर्ण शक्ति पर बहुत बुरा प्रभाव पड सकता है।

7. जो बच्चे अपने खाली समय में मोबाइल फोन से चिपके रहते हैं, वे न कोई शारीरिक गतिविधि करते हैं इससे उन्हें मोटापा ,डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी हानिकारक बीमारियों में विकसित हो सकता है।

8. आजकल मोबाइल गेमों में घंटों लगे रहते हैं निरंतर मोबाइल की ब्राइटनेस उनकी आंखों पर बहुत हानिकारक प्रभाव डालती है, इससे आजकल बच्चों को छोटी उम्र में ही चश्मे लग रहे हैं।

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