मुरथल की पहचान यहां के ढाबों से
जन्मदिन व पार्टी के विशेष मौकों पर लोग यहां परांठे का स्वाद चखने आते हैं. यहां तक की दिल्ली आने जाने वाले विदेशी भी पराठों का स्वाद चखे बिना आगे नहीं बढ़ते हैं. जीटी रोड़ से गुजरने वाले अफसर से लेकर आम आदमी तक हर कोई इन पराठों के स्वाद का मजा उठाना नहीं भूलता है. कुछ महीनों पहले पुलिस को ढाबों पर जुआं, देह व्यापार जैसी गैरकानूनी गतिविधियों की जानकारी मिलती है.

अब सीएम फ्लाइंग की छापामारी के बाद ढाबा संचालकों के सामने परांठा नगरी की प्रतिष्ठा बचाने का सवाल खड़ा हो गया है. नामचीन ढाबा मालिकों को अब सबसे बड़ी चिंता यह सता रही है कि कही बदनामी के डर से कारोबार प्रभावित ना हों जाएं. कुछ ढाबा संचालकों की गैरकानूनी हरकतों का अंजाम पूरी ढाबा इंडस्ट्री को भुगतना पड़ सकता है.

ढाबा एसोसिएशन के सामने सबसे बड़ी चुनौती गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त ढाबा संचालकों की पहचान करके उन पर कानूनी कार्रवाई करवाने की है. दरअसल पुलिस भी अवैध धंधे में शामिल ढाबा संचालकों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठा रही थी. सूत्रों की मानें तो पुलिस के लिए गैरकानूनी गतिविधियां करने वाले आमदनी का जरिया बनें हुए थे. एसपी ने भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए जांच के आदेश दिए हैं


देवेन्द्र कादियान (एमडी मन्नत ग्रुप ऑफ ढाबा) के मुताबिक हमने कई बार पुलिस को शिकायत दी थी कि कुछ ढाबों पर देह-व्यापार और जुएं जैसे गैरकानूनी खेल हो रहें हैं लेकिन पुलिस अफसरों से शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई. इसके बाद हमने मुरथल ढाबों की प्रतिष्ठा बचाएं रखने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया. सीएम फ्लाइंग की इस कार्यवाही के बाद हमारी एसोसिएशन ने छवि बचाने की पहल शुरू की है. आगे से ढाबों पर गैरकानूनी गतिविधियों को नहीं होने दिया जाएगा और अवैध ढाबों को बंद करवाया जाएगा.

अमरीक सिंह (एमडी सुखदेव ढाबा) का कहना है कि कुछ लोगों की ओछी हरकतों से दशकों से बनाई गई ढाबों की छवि पर बदनुमा दाग लगा है. इसके लिए हमने ढाबा एसोसिएशन की बैठक आयोजित की. आगे से पुलिस व प्रशासन के साथ एसोसिएशन भी लगातार निगरानी करेगी और अवैध धंधा चलाने वालों को बेनकाब किया जाएगा.

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