जेवलीन थ्रो में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वाले स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा इन दिनों काफी सुर्खियों में है. बता दे नीरज चोपड़ा खेल के मैदान के बाहर काफी स्टाइलिश लुक मेनटेन करके रखते है. इसके अलावा ट्वीटर और इंस्टाग्राम पर अपने फैंस के लिए अपनी तस्वीर भी शेयर करते रहते है. नीरज के फेमस होने के बाद से कई सोशल मीडिया यूज़र्स यह मान रहे है कि, नीरज अपने हैंडसम लुक के दम पर उनपर बनने वाली फिल्म में खुद ही वह उसमे अभिनय कर सकते है.
इसके अलावा कई यूज़र तो यह भी कह रहे है कि, अगर बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार पर भी अगर कोई फिल्म बने तो उसमे अक्षय का किरदार निभाने के लिए नीरज को ही साइन किया जाए. आपको एक किस्सा बताते है जब नीरज इंडोनेशिया के जकार्ता में आयोजित हुए 18वें एशियाई खेलों में नीरज चोपड़ा जेवलिन थ्रो में गोल्ड जीता था तब एक व्यक्ति ने नीरज के पास आकर कहा था कि, आप तो शाहरुख़ खान से भी बहुत ही ज्यादा हैंडसम है।
नीरज का यह सफर काफी मुश्किल भरा था बता से 11 साल की उम्र में ही वह 90 किलो के थे. जिसके चलते उनके घर वालों ने उन्हें जबरदस्ती मैदान में दौड़ने के लिए भेजना शुरू किया. और वहां पर उन्होंने कुछ लोगों को भाला फेंकते हुए देखा, उसके बाद वह भी इस खेल में लग गए और अपना जीवन भी इसी खेल को समर्पित कर दिया.
नीरज ने पिछले सालों में अपने खेल को काफी अच्छा किया है. और अब तो टोक्यो ओलंपिक 2021 में उन्होंने गोल्ड मैडल जीत कर इतिहास रच दिया है. बता दे भारत ने पिछली बार साल 1900 में एथलेटिक्स में पदक लाया था और नीरज ने 121 साल का सुखा खत्म किया है।
आज नीरज टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को लुक और पर्सनैलिटी को दे रहे है कड़ी टक्कर.
बता दे कि नीरज न केवल सीनियर स्तर पर राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता है बल्कि उनका जूनियर सर्किट में भी प्रदर्शन कमाल का था. साल 2016 में नीरज विश्व U20 चैंपियन बने थे और और 86.48 मीटर दूर भाला फेकने विश्व अंडर-20 रिकॉर्ड अपने नाम किया था. नीरज का यह रिकॉर्ड आज भी कायम है.
नीरज द्वारा अर्जित की गई उपलब्धियां
नीरज ने प्रमुख टूर्नामेंट में भाग लेते हुए कुल 6 स्वर्ण सहित कुल सात पदक अपने नाम किए हैं. बता दे विश्व चैंपियनशिप को छोड़कर सभी प्रमुख टूर्नामेंटों में उनको गोल्ड मेडल मिला था. पर उनको पहचान 2016 में जूनियर विश्व चैंपियनशिप में 86.48 मीटर के अंडर-20 विश्व रिकॉर्ड के साथ एक ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने पर मिली थी.