नीरज चोपड़ा एक ऐसा नाम है जो आज हर भारतीय की ज़बान पर है। ओलिंपिक में भारत को भला फेंक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक में स्वर्ण पदक दिलाया।
23 वर्षीय नीरज ने ट्रैक एंड फील्ड प्रतियोगिता में पहली बार भारत को दिलवाया है। इससे पहले मिल्खा सिंह, पी.टी उषा और अंजू बॉबी जॉर्ज ट्रैक एंड फील्ड प्रतियोगिता में पदक के करीब पहुंचे थे लेकिन पदक पाने में असफल रहे थे।
ओलिंपिक में स्वर्ण पदक प्राप्त करने से पहले नीरज ने कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में भी स्वर्ण पदक प्राप्त किया है। नीरज को वर्ष 2018 एशियाई खेलों में भारत के लिए उद्घाटन समारोह में हाथ में झंडा लेकर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए भी चुना गया था।
भाला फेंक में वर्तमान राष्ट्रीय रिकॉर्ड नीरज के नाम पर है, उन्होंने 88.07 मीटर भाला फेंककर ये रिकॉर्ड अपने नाम किया था।
नीरज चोपड़ा की नेट वर्थ
नीरज चोपड़ा की संपत्ति का यदि अनुमान लगाया जाए तो ये लगभग 1-3 मिलियन डॉलर होगी। उनका खेल ही उनकी कमाई का प्रमुख स्रोत है। भाला फ़ेंकने में अबतक नीरज का शानदार करियर रहा है। नीरज को JSW स्पोर्ट्स और स्पोर्ट्स अकादमी ऑफ़ इंडिया (SAI) से से काफी समर्थन प्राप्त हुआ है। कोविड महामारी से लड़ने के लिए नीरज ने पीएम केयर फंड्स में 2 लाख रूपये दान दिये थे।
नीरज चोपड़ा की उपलब्धियां
नीरज ने अबतक कई पदक जीते हैं। उन्होंने 2021 में नेशनल जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया। नेशनल यूथ चैंपियनशिप 2013 में सिल्वर मेडल जीता। एशियन जूनियर चैंपियनशिप 2017 में सिल्वर मेडल और असाइन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2017 में गोल्ड मेडल जीता।
उन्होंने एशियाई खेलों 2018 में स्वर्ण पदक जीता है। उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए भी नामांकित किया गया था जो अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार है। उन्होंने 2018 में अर्जुन पुरस्कार भी जीता।
नीरज चोपड़ा का परिवार
नीरज चोपड़ा हरियाणा के पानीपत के रहने वाले हैं। उनके पिता एक किसान हैं और वह छोटे से गांव खंडरा में खेती करते हैं। नीरज की दो बहनें हैं और उनकी मां गृहिणी हैं।
11 साल की उम्र से ही उनकी जेवलिन में रुचि जय चौधरी के कारण थी क्योंकि वह पानीपत स्टेडियम में अभ्यास करते थे और नीरज उन्हें देखते ही इस खेल के प्रति आकर्षित हो गए थे।
नीरज ने अपनी पढ़ाई डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ से की। वर्ष 2016 में उन्हें नायब सूबेदार के पद के साथ भारतीय सेना में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी नियुक्त किया गया था।