विदेश में अच्छी नौकरी और विलासिता की जिंदगी हर कोई चाहता है उसकी जिदंगी में भी ये सब हो। खास तौर पर युवा अपने सपनों के लिए सात समुंदर पार जाकर कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन इन्हीं में से कुछ ऐसे भी है जो इस भीड़ का हिस्सा तो बन जाते है, लेकिन कहीं ना कहीं उनके मन की इच्छा दबी रह जाती है।

किशोर इंदुकुरी का कैरियर
कर्नाटक के किशोरी इंदुकुरी एक ऐसे ही शख्स हैं जिन्होंने अपने दिल की सुनी और अमरीका की अच्छी नौकरी छोड़कर भारत चले आए।बाकियों की तरफ उनकी भी चाहत थी कि वे अमेरिका में पढ़ाई करें और नौकरी करें। इसके लिए उन्होंने IIT खड़कपुर से स्नातक की पढ़ाई पूरा की। उसके बाद मास्टर डिग्री और Ph.d करने के लिए अमेरिका चले गए। वहां उन्होनें मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी एमहर्स्ट से मास्टर्स और Ph.d पूरी कर, इंटेल में हाई क्लास पेमेंट वाली नौकरी करने लगे।
नौकरी छोड़ स्वदेश लौटे
कर्नाटक के किशोरी इंदुकुरी एक ऐसे ही शख्स हैं जिन्होंने अपने दिल की सुनी और अमरीका की अच्छी नौकरी छोड़कर भारत चले आए। उन्हें नौकरी में दिलचस्पी नहीं थी। नौकरी के 6 वर्ष बाद किशोर को एहसास हुआ कि उनका असली जुनून कृषि है। उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ अपने स्वदेश लौट आए।
किशोर के गृहनगर कर्नाटक में उनके परिवार के पास कुछ जमीन थी। आईआईटीयन किशोरी ने यहां आकर ना सिर्फ अपने दिल की सुनी बल्कि एक अच्छा खासा कारोबार भी खड़ा कर दिया।

ऐसे शुरू हुआ डेयरी फार्म
इंदु को भारत लौटते ही कोई बिजनेस करना था। उन्हें जल्द ही इस बात का एहसास हो गया कि भारत में अच्छे और स्वस्छ दूथ के विकल्प कम हैं। लिहाजा उन्होंने एक डेयरी फार्म शुरू करने का फैसला किया।
औरों की तरह इंदु की सफलता का सफर भी बहुत छोटी शुरुआत से ही हुआ। 2012 में उन्होंने महज
20 गायों के निवेश से शुरुआत की।
44 करोड़ सालाना आय
इंदुकुरी की मेहनत का ही नतीजा था कि सिर्फ 6 वर्षों में उन्होंने अपने काम में ऊंचाइयों को छू लिया। 2018 तक उनकी डेयरी फार्म हैदराबाद के आसपास छह हजार ग्राहकों को दूध की आपूर्ति करनेवाला बन गया।
मौजूदा समय में डेयरी फार्म ने अपने संचालन का विस्तार करते हुए 120 कर्मचारियों को शामिल किया है और सालाना 44 करोड़ की आय हासिल किया।फार्म से रोजाना 10 हजार ग्राहकों को दूध की आपूर्ति की जाती है।
इतने प्रोडक्ट करते हैं तैयार
अपना फार्म पर इंदुकुरी गाय और भैंस के दूध से शुरू होकर अब कई तरह के प्रोडक्ट्स बना रहे हैं। इनमें घी, दही, ऑर्गेनिक पनीर, गाय का दूध और भैंस के दूध का विस्तार किया है।