आज हम बात कर रहे हैं आईएएस अफसर कार्तिकेय गोयल की जो अपनी लाखों की नौकरी छोड़कर आज अफसर की कुर्सी संभाल रहे हैं। कार्तिकेय गोयल कहते हैं,कि वो कोई ऐसा काम करे जिसमें वो देश के सेवा के साथ-साथ लोगों की सेवा कर सकें I

लोगों की सेवा करना चाहते थे कार्तिकेय

आजकल के युवा ज्यादा मेहनत से बचने के लिए एक महंगा सा कोर्स करते हैं और किसी ऐसी नौकरी पर लग जाते है, जहां उनको हजारों और लाखों में सैलरी मिलती है। इसके बाद वो अपने आने वाले भविष्य की 6सोचते हैं और अपने रिटायरमेंट का प्लान तक बना लेते हैं, लेकिन हमारी बीच कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अपने लाखों की सैलरी को छोड़कर देश के सेवा करने के लिए मेहनत की राह पर आगे बढ़ने लग जाते हैं I

अगर आपके पास ऐसी नौकरी हो,जिसमें आपकी कमाई लाखों में हो तो क्या आप उसे छोड़ेंगे। नहीं शायद, लेकिन देशसेवा के लिए एक लड़के ने न सिर्फ अपनी लाखों की नौकरी छोड़ी बल्कि विदेश जाने के मौके को भी ठुकरा दिया। वो चाहता था कि वो कोई ऐसा काम करे जिसमें वो लोगों की सेवा कर सकें। किसी के काम आ सके। प्राइवेट जॉब में ये संभव नहीं था। इसलिए उसने यूपीएससी क्लियर करने की ठानी।

किस तरह की स्ट्रेटजी बनाकर तैयारी की?

कार्तिकेय आईटीसी और विप्रो जैसी जगह पर काम करने में वर्क एक्सपीरिएंस तो अच्छा रहा, लेकिन वह सीधे तौर पर देश के लिए काम करना चाहता था।इसी को ध्यान में रखकर उन्होंने अपने कुछ सीनियर्स से बात की थी। एडवाइजर की सलाह पर ही उन्होंने तैयारी शुरू की। प्री में सिलेक्शन के बाद उन्होंने मेन्स के लिए कुछ दिनों तक कोचिंग भी ज्वाइन की थी, कोचिंग केवल नोट्स लेने के लिहाज से ज्वॉइन किया था। पढ़ाई को लेकर एक अहम चीज है कि सुनो सबकी और करो अपने मन की।

कार्तिकेय ने तीसरे प्रयास में पाया अपना मन चाहा पद


कार्तिकेय ने पहला प्रयास जॉब में रहते हुए दिया, परंतु वह सफल रहा ।फिर दूसरी बार में आई ए एस में कस्टम के लिए सिलेक्ट हो गए थे, लेकिन उनकी चाहत IAS अफसर बनने की थी। स्कोप को देखते हुए कार्तिकेय ने तीसरा प्रयास भी दिया और इस बार वो सफल रहे। इसके बाद वो IAS बन गए।

कार्तिकेय कहते हैं, कि इस जॉब में रहते हुए खुद के लिए और फैमिली के लिए वक्त बहुत कम मिल पाता है, लेकिन हम समाज से सीधे जुड़ सकते हैं। मुझे सिविल सर्विस में आने के बाद ही रियल इंडिया को देखने का मौका मिला।

असफलता पर निराश हुए लोगों के लिए क्या संदेश देना चाहते हैं, कार्तिकेय

एक दो बार एग्जाम में फेल होने को वो प्रयास के तौर पर लेने को कहते हैं। फेल होना आपकी काबिलियत का सर्टिफिकेशन नहीं है। सिलेक्ट नहीं हुए तो आप फेलियर नहीं हैं। आप दोगुनी मेहनत कीजिए और सफलता का फल चखने जरूर मिलेगा। दूसरों के कहने पर एग्जाम न दें खुद की मेंटेलिटी पहले बनाएं। हार्डवर्क जरूरी है इसलिए तैयार रहें कई घटें सिर्फ पढ़ना ही पढ़ेगा। टाइम मैंनेजमेंट हर स्टेज पर महत्वपूर्ण है।

यूपीएससी की खासियत यही है कि इसमें किसी की जागिर नहीं है। कोई भी ऐसा एडवांटेज किसी के बैकग्राउंड पर नहीं मिलता। अब इसमें पैटर्न में बदलाव ने तो इसे और भी बेहतर कर दिया है। आज इंटरनेट के ज्ञान को लेकर बैरियर खत्म कर दिया है।अगर आप गरीब भी हैं और गांव से हैं तो मेहनत कीजिए और अफसर बनकर लाखों अमीरों के सामने बैठेंगे I

यह आपकी काबिलियत का सर्टिफिकेशन नहीं है। कोई भी सिलेक्ट नहीं हुए तो आप फेलियर नहीं हैं। यह एग्जाम आपकी इंसानियत का प्रतीक नहीं है। यूपीएससी की तैयारी और एग्जाम देने से आप एक बेहतर नागरिक जरूर बन जाते हैं।

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