विश्व कोरोना महामारी के बीच कंकणाकृती सूर्य ग्रहण विश्व के लिए बेहद हानिकारक माना जा रहा है I ज्योतिषाचार्य और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के पूर्व सदस्य पंडित प्रसाद दीक्षित ने कहा कि जब भी 15 दिन के पश्चात पुन: ग्रहण लग जाए तो यह देश और विश्व के लिए ठीक नहीं कहा जा सकता I

कब दिखेगा सूर्य ग्रहण ?

ज्योतिषाचार्य और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के पूर्व सदस्य पंडित प्रसाद दीक्षित ने बताया कि 10 जून दिन गुरुवार ज्येष्ठ मास कृष्णपक्ष की अमावस्या तिथि को कंकणाकृती सूर्य ग्रहण है I ग्रहण का प्रारंभ भारतीय समयानुसार दिन में 1:43 बजे तथा मोक्ष सायंकाल 6:41 बजे होगा I

कहां पर दिखेगा सूर्य ग्रहण ?

ज्योतिषाचार्य और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के पूर्व सदस्य पंडित प्रसाद दीक्षित ने बताया कि यह ग्रहण मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया में आंशिक व उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड उत्तरी एशिया और अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा और रूस में पूर्ण रूप से दिखाई देगा I लेकिन जब भी 15 दिन के पश्चात पुन: ग्रहण लग जाए तो यह विश्व काल के लिए ठीक नहीं कहा जा सकता I

क्या प्रभाव पड़ेगा सूर्य ग्रहण का ?

इन दिनों पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है . 2 Month से ज्यादा समय होने के बाद भी स्थिति सुधरते- सुधरते अचानक से बिगड़ने लग रही है I इसकी बड़ी वजह लोगों की लापरवाही तो है ही, साथ ही साथ ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, वायुमंडल और ग्रह मंडल में लगातार हो रहे बदलाव भी इस महामारी को थमने नहीं दे रहे हैं I

इसका सबसे प्रत्यक्ष उदाहरण लगातार पड़ रहे ग्रहण भी हैं I 2021 की शुरूआत के साथ ही 26 मई को पहला चंद्र ग्रहण पड़ा और इस ग्रहण के असर को खत्म हुए 15 दिन भी नहीं बीते थे कि 10 जून को दूसरा ग्रहण में पड़ने जा रहा है I यह ग्रहण सूर्य ग्रहण के रूप में लगने वाला है I जिसका प्रभाव ज्योतिष शास्त्र में अच्छा नहीं बताया जा रहा है I जानकारों का साफ तौर पर कहना है कि ग्रहण का अर्थ ही अशुभ होता है, वह भी 15 दिन के अंतराल में लगने वाले ग्रहण से मानव जीवन पर भी गहरा असर पड़ता है I

सूर्य ग्रहण पर करे ये उपाय

ज्योतिषाचार्य ने कहा यह भौगोलिक घटनाक्रम पृथ्वीवासियों के लिए ठीक नहीं कहा जाएगा I संपूर्ण विश्व में उथल-पुथल की स्थिति अवश्य बनेगी I ग्रहण का मतलब ही है अशुभता का सूचक I ग्रहण का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष दुष्प्रभाव मानव जीवन पर अवश्य दिखाई देगा I जिन लोगों पर ग्रहण का ज्यादा असर हो उन्हें चाहिए कि सूर्य के निमित्त ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करें I 15 दिनों से जो लोग लगातार परेशान हैं, उन्हें सूर्य मंत्र के साथ ही ‘ॐ सोम सोमाय नमः (चंद्र मंत्र) का जाप भी अवश्य करना चाहिए I

भारत में नहीं दिखेगा यह ग्रहण

ज्योतिषाचार्य पंडित प्रसाद दीक्षित का साफ तौर पर कहना है कि ग्रहण वाले ही विश्व के अलग-अलग हिस्सों में दिखाई देगा और एशिया के कुछ भाग में ही इसका असर देखने को मिलेगा I लेकिन इसका दुष्प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ेगा I हालांकि भारत में इस ग्रहण का कोई असर नहीं होगा और न ही सूतक काल मान्य होगा I

इसलिए धर्म-कर्म से जुड़े सभी कार्य बिना किसी रोक-टोक से जारी रहेंगे I ज्योतिषाचार्य का कहना है कि यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा और ईश्वर पर आने वाले कष्ट को कम करने के लिए लोगों को ईश्वर से प्रार्थना साथ ही पूजा पाठ भी करना चाहिए I

Leave a Reply

Your email address will not be published.