दोस्तों साल 2020 एक ऐसा वर्ष था जिसमें दुनिया के कई देशों ने बहुत बुरे संकट का सामना किया। और कई देश अभी भी कर रहे हैं, महामारी को तो आप सब जानते हैं, उन देशों में एक भारत भी है जो अभी तक उस महामारी का सामना कर रहा है। इस दौरान हमारे देश में बहुत कुछ बदला, साथ में कुछ ऐसी घटनाएं भी घटी, जिनको हम कभी ना भूल पाएंगे जिन्होंने हमारी जिंदगी पर बहुत असर भी डाला है। 2020 की ऐसी घटनाओं से आपको परिचित कराते हैं।

1.बिना दर्शकों के आईपीएल

स्टेडियम में बिना दर्शकों के मैच कराने की कल्पना भी नहीं कर सकते थे, मगर कोरोना ने ये दिन भी दिखा दिया। कोरोना से जूझते दौर में बीसीसीआई ने आईपीएल का 13वां सीजन बिना दर्शकों की मौजूदगी के कराने का फैसला किया। आईपीएल के मुकाबले इस बार दुबई में हुए, जिसकी शुरुआत 19 सितंबर से हुई और 10 नवंबर को फाइनल मुकाबला खेला गया। एक बार फिर मुंबई इंडियन ने बाज़ी मारी। इस दौरान आईपीएल की व्यूअरशिप ने सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। इसकी वजह कोरोना भी रहा। घरों में बंद क्रिकेट प्रेमियों ने टीवी पर ही आईपीएल देखा, जिससे व्यूअरशिप 23 फीसदी बढ़ गई।

2. जिंदगी का सबसे लंबा सफर

भारत में भारत में 30 जनवरी 2020 को एक ऐसा वायरस आया। जो पूरे देश के लिए कयामत बन गया।भारत में 30 जनवरी 2020 को पहला कोरोना केस सामने आया था, 17 मार्च को कर्नाटक में पहली मौत इस वायरस से हुई। इसको फैलने से रोकने के लिए भारत में 25 मार्च से लॉकडाउन लगा दिया गया। 31 मई 2020 के बाद सरकार ने पाबंदियों के साथ लॉकडाउन हटाया, मगर उस पीरियड में देश ने एक बार फिर उन लम्हों की जिया जो दर्दनाक लम्हें 1947 में देश के बंटवारे के दौरान सामने आए थे। कई लोगों के लिए तो मीलों का सफ़र उनकी ज़िंदगी का आखिरी सफर बन गया। मगर लोगों ने एक बेटी को भी देखा, जो साइकल से पिता को बहुत लंबी दूरी तय कर घर ले इस इस सफर में कई प्रवासी तो अपने घर तक ही नहीं पहुंच पाए।

3. अचानक थम गया पूरा देश

मार्च 2020 प्रधानमंत्री मोदी जी ने एक ऐसी घोषणा की , जिसमें पूरी दुनिया को रोक के रख दियाकोरोना से लगा लोक डाउन ऐसा दौर था जिसमें जब भूखे प्यासे मजदूर लोग इस उम्मीद में शहरों से अपने गांव लौट रहे थे कि वहां महफ़ूज़ रहेंगे। प्रवासी मज़दूरों की तस्वीरें और विडियो झकझोर देने वाले थे। गोद में बच्चों को लटकाएं माएं, सिर पर सामान। घर जाने के लिए कोई इंतज़ाम नहीं, हजारों कोसों पैदल चल रहे लोग, भूख प्यास से बेहाल बच्चे। इस दौर में एक घटना तो ऐसी हुई। जिसमें मजदूर थककर रात को रेल की पटरी पर सो गए। मालगाड़ी 16 मजदूरों को कुचल गई। इतिहास महामारी के साथ मजदूरों की इस घटना को कभी नहीं भूलेगा।

4. अपने हक के लिए किया प्रदर्शन

सरकार ने सीएए यानी नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 में लागू किया। मगर उसके ख़िलाफ़ आवाज़ साल की शुरुआत में उठी। सीएए और एनआरसी को लेकर असम में प्रदर्शन शुरू हुए थे। फिर शाहीन बाग में धरने पर बैठी दादियों ने इसके विरोधियों में जोश पैदा कर दिया। यहां सर्दियों में भी लोग डटे रहे। विरोध की यह आग धीरे-धीरे देशभर में फैल गई। जगह-जगह इस आंदोलन को कुचलने के लिए पुलिस एक्शन भी हुआ। सैकड़ों लोग जेलों में डाल दिए गए। फरवरी आते-आते इस गुस्से की आग ने दिल्ली को अपनी आगोश में ले लिया। 23 फरवरी से 29 फरवरी तक ईस्ट दिल्ली में दंगे होते रहे। 53 लोगों की लाशें सामने थीं। दिल्ली के दिल पर ऐसा ज़ख्म लगा कि जिसका दर्द बरसों तक तक़लीफ़ देगा।

5.किसानों का दिल्ली पर धरना

किसान देश में लागू नए कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर हैं. अन्नदाता राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहा है. किसान और सरकार के बीच अब तक 8 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका. किसानों में असंतोष बढ़ता जा रहा है. किसान चाहते हैं कि नए कृषि बिल वापस हों। इस प्रोटेस्ट में भी लोगों को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। दिसंबर के आखिरी हफ्ते तक 33 किसान प्रदर्शन के दौरान अपनी ज़िंदगी गंवा चुके हैं।

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