जल में रहने वाला दुनिया का सबसे बडा़ जीव नील व्हेल होता है। यह एक मछली है , जो समुद्र में पाई जाती है। इस मछली की उल्टी की कीमत करोड़ों-अरबों रुपये में होती है। सुनने में आपको भले ही आश्चर्य लगे, लेकिन यह सत्य है। इसकी उल्टी अगर किसी को मिल जाती है, तो समझ जाइये उसकी किस्मत के दरवाजे खुल गए।
क्या है व्हेल की Vomit
दरअसल, व्हेल (Whale) के शरीर से अपशिष्ट प्रदार्थ निकलता है। इसे वैज्ञानिक व्हेल की उल्टी (Ambergris) या उसका मल कहते हैं। कई बार जब यह अपशिष्ट ज्यादा बड़ा हो जाता है तो व्हेल इसे मुंह से उगल देती है। Ambergris इसलिए कहते हैं क्योंकि यह amber जैसा दिखता है। जो Ambergris ताजा होता है, उसकी गंध मल जैसी ही होती है लेकिन फिर धीरे-धीरे मिट्टी जैसी होने लगती है।
तट पर दिखा टुकड़ा
यह सात किलो का टुकड़ा चलेरम्चई महापन को सॉन्गख्ला प्रांत के समीला तट पर मिला। उन्होंने बताया कि वह समुद्र में जाल डालने जा रहे थे लेकिन मौसम बदलने पर उन्हें वापस आना पड़ा। जब वह अपनी नाव को किनारे पर लगाने लगे तो उन्हें यह टुकड़ा दिखा। पहले उन्हें लगा कि यह आम चट्टान है लेकिन फिर गौर से देखने पर महसूस हुआ कि इसमें कुछ खास हो सकता है। उन्होंने बताया, ‘मुझे तब तक नहीं पता था कि यह क्या है जब तक गांव के बड़े-बुजुर्गों ने मुझे नहीं बताया कि यह व्हेल की उल्टी है।’
इसे जलाने पर जब यह पिघली तो यह साफ हो गया कि चलेरम्चाई के हाथ बहुमूल्य खजाना लगा था। लैब में भेजने के बाद इसकी पुष्टि भी हो गई। अब चलेरम्चाई को इंतजार है इसकी कीमत मिलने का जो 24.5 पाउंड प्रति किलो हो सकती है। उनका कहना है कि उन्हें इसे बेचने की जल्दी नहीं है और एक एजेंट इसके लिए अंतरराष्ट्रीय खरीददार लाएगा।
क्यों है इतनी कीमत?
व्हेल मछलियों के शरीर के अंदर एक खास प्रकार का तत्व निकलता है। कुछ स्टडी के मुताबिक इसकी मदद से स्पर्म वेल अपने खाने को पिघला पाती है, वहीं कुछ का दावा है कि यह वेल के मल में मौजूद होता है। Ambergris ठोस, मोम जैसा ज्वलनशील तत्व होता है। यह हल्के ग्रे या काले रंग का होता है। इसका इस्तेमाल परफ्यूम इंडस्ट्री में किया जाता है। इसमें मौजूद ऐल्कोहॉल का इस्तेमाल महंगे ब्रैंड परफ्यूम बनाने में करते हैं। इसकी मदद से परफ्यूम की गंध लंबे वक्त तक बरकरार रखी जा सकती है। इस वजह से इसकी कीमत बेहद ज्यादा होती है। यहां तक कि वैज्ञानिकों ने इसे तैरता हुआ सोना भी कहा है।