यूसुफ खान उर्फ़ दिलीप कुमार (Dilip kumar) बॉलीवुड के ट्रेजेडी किंग कहे जाने वाले मशहूर कलाकार थे. उन्हें दुनिया के सबसे प्रभावशाली कलाकारों में से भी एक माना जाता है. यही कारण था कि दिलीप कुमार को ट्रेजेडी किंग के नाम से पहचाना गया. दिलीप कुमार के अभिनय में एक अलग ही तरह का ठहराव था. वह गहनता के साथ फ़िल्मों में अभिनय करते थे. फ़िल्मों में अभिनय करना तो दिलीप के लिए एक संयोग था. एक बार की बात है जब दिलीप कुमार अपने दोस्त के साथ मुंबई टॉकीज में फ़िल्म देखने जाते हैं. तभी से दिलीप के करियर की शुरुआत हो जाती है. वह कैसे फ़िल्मी सितारे बनते हैं और ऐसा क्या होता है कि उन्हें अपना नाम बदलना पड़ जाता है. आइए पूरी ख़बर आपको विस्तार से बताते हैं.
देविका रानी द्वारा लाए गए थे फ़िल्मी जगत में
दरअसल बॉम्बे टाकीज में फ़िल्म देखने के दौरान दिलीप पर उस दौर की सुपरस्टार देविका रानी की नज़र पड़ती है. दिलीप कुमार को फ़िल्मों में लाने का सबसे ज़्यादा श्रेय अगर किसी को जाता है. तो वह है देविका रानी. गौरतलब है कि दिलीप कुमार का नाम यूसुफ खान था. फ़िल्मों में आने के बाद ऐसा क्या हुआ था कि युसूफ खान को दिलीप कुमार बनना पड़ा. इसके पीछे कुछ कारण है. जिसमें से कुछ तो सच्चाई है और कुछ के बारे में दिलीप कुमार ख़ुद स्पष्टीकरण दे चुके थे.
क्या दिलीप कुमार डरपोक थे
यह कहानी उस समय की है जब दिलीप कुमार के पिता नहीं चाहते थे कि दिलीप फ़िल्मों में काम करें. उन्हें डर था कि अगर वह फ़िल्म में काम करेंगे तो उनके पिता नाराज हो जाएंगे. इस कहानी को सुनने के बाद कई फैंस उन्हें डरपोक भी कहने लगे थे. जो व्यक्ति फ़िल्म में एक शहंशाह का रोल करता है वह व्यक्ति आख़िर डरपोक कैसे हो सकता है. आइए आपको बताते है युसूफ खान का नाम दिलीप कुमार क्यों पड़ा.
देविका रानी ने बदला था नाम
फ़िल्म ज्वार भाटा में देविका रानी ने 1944 में युसूफ खान को दिलीप कुमार (Dilip kumar) के रूप में बॉलीवुड के सामने पेश किया था. दिलीप कुमार अपना नाम बदलने के पीछे का कारण अपनी ऑटो बायोग्राफी “Dilip Kumar: The Substance and the Shadow’ में बहुत ही खुलकर लिखा है. दिलीप कुमार लिखते हैं कि” देविका ने मुझे कहा यूसुफ. मैं तुम्हे एक कलाकार के रूप में लॉन्च करने के बारे में विचार कर रही हूँ. मुझे लगता है कि अगर तुम अपना फ़िल्मी नाम बदल लो तो यह कोई ग़लत आइडिया नहीं है. एक ऐसा नाम जिससे आप लोगों के बीच पहचाने जाएंगे और जो आपके दर्शकों के लिए बहुत ही ज़्यादा आसान होगा. एक ऐसा नाम हो जो स्क्रीन पर देखने पर रोमांटिक छवि के रूप में उभरे. देविका ने कहा मुझे लगता है कि दिलीप कुमार एक अच्छा नाम है. यह मेरे मस्तिष्क में-में तब आया था जब मैं आपके लिए एक अच्छा नाम के बारे में विचार रही थी.