हर दिन तेजी से बढ़ रही पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की कीमतों से आम जनता काफी परेशान है। पेट्रोल और डीजल की कीमतें 100 रुपये के पार पहुंच गई हैं, जिसके बाद सरकार देश में पेट्रोल-डीजल की निर्भरता को कम करने का प्लान बना रही है।
केंद्र सरकार देश में जल्द ही फ्लेक्स-ईंधन लाने का प्लान बना रही है। इन दिनों आप सभी लोग फ्लेक्स-फ्यूल कारों और ईंधन के बारे में सुन रहे होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि ये फ्लेक्स-फ्यूल आखिर क्या है? आइए आपको बताते हैं कि ये ईंधन क्या है……
आखिर क्या है flex-fuel?
जैसा कि नाम से पता चलता है, फ्लेक्स-फ्यूल के जरिए आप अपनी कार को इथेनॉल के साथ मिश्रित ईंधन पर चला सकते हैं। आपको बता दें गैसोलीन और मेथनॉल या एथनॉल के संयोजन से बना एक वैकल्पिक ईंधन है। EV की तुलना में, एक फ्लेक्स-इंजन मूल रूप से एक मानक पेट्रोल इंजन है, जिसमें कुछ अतिरिक्त घटक होते हैं जो एक से अधिक ईंधन या मिश्रण पर चलते हैं इसलिए EV की तुलना में फ्लेक्स इंजन कम लागत में तैयार हो जाते हैं। इस पर सरकार तेजी से काम कर रही है।
6 महीने में अनिवार्य हो सकता है फ्लेक्स फ्यूल
खबर के मुताबिक हाल में एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार फ्लैक्स फ्यूल इंजन (Flex Fuel Engine) को अगले 6 महीने में अनिवार्य करने जा रही है। उन्होंने कहा कि ये नियम हर तरह के वाहनों के लिए बनाया जाएगा, इसके अलावा सभी ऑटो कंपनियों को आदेश दिए जाएंगे कि वह फ्लेक्स फ्यूल इंजन को अपने वाहनों में फिट करें।